Posts

Showing posts from September, 2020

लखनऊ की नई लाईब्रेरियां !

  कुछ दिन पहले लखनऊ के पुस्तकालयों के बारे में बात की थी, मौक़ा लाईब्रेरी / ळाईब्रेरियन दिवस का था. तब पहले के पुस्तकालयों से अब तक अस्तित्व बचाये हुए कुछ पुस्तकालयों की बात की किन्तु लखनऊ में इधर के कुछ सालों में ‘उगी’ लाईब्रेरियों की बात पोस्ट बड़ी होने के डर से न कर सका, अब करता हूँ. नौकरी के सिलसिले में कई साल प्रदेश से बाहर तैनात रहा. जब आता था तो जगह-जगह चौबीसों घण्टे चलने वाली लाईब्रेरियों ( इन्हे पुस्तकालय कहने का जी नही चाह रहा – क्यों ! जिनका इनसे साबका पड़ा होगा वे जान ही रहे होंगे, बाक़ी अभी जान जाएंगे )   के बोर्ड देखे – 24 X 7 , वाई-फाई सुविधा से युक्त, किन्ही में कैफे भी. मैं जानकीपुरम मे रहता हूँ और इन्जीनियरिंग कॉलेज से लेकर कपूरथला तक और उधर हनुमान मंदिर तक कुछ नही तो पचीसों तो हैं ही, पचास तक भी हो सकते हैं. कुछ बेसमेण्ट में तो कुछ ऊपरी मंज़िलों में. देख कर ख़ुशी और कौतूहल होता था कि इतनी लाईब्रेरियां और कौतूहल ये कि अचानक से ऐसा क्या हुआ जो लोग इतने पढ़ीस हो गये और इधर के ही. जब इधर इतने हैं तो शहर भर में तो सैकड़ों की तादाद में होंगी ही. अन्दर जाकर देखने का मौक